श्री भगवान परशुराम जी
श्री भगवान परशुराम जी के जन्मोत्सव की अनन्त शुभकामनाएं
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जगदीश्वर अवतरित हुए धरि परशुराम का रुप।
कर में फरसा धारण किए डर गए सब क्षत्रिय भूप।।
जमदग्नि ऋषि घर जन्म लिया अतुलित तेज प्रताप।
ब्रम्हचर्य रह जीवन काटा हरे सभी संताप।।
ब्राह्मण कुल की रक्षा के हित क्षत्रियों का किया विनाश।
सहस्त्रबाहु का वध करके फरसे की बुझाई प्यास।
क्षत्रिय विहीन भी करी वसुंधरा ब्राह्मणत्व का मान बढाया।
त्रिपुरारी की करी आराधना आशीष अमरता पाया।।
अजगव का विध्वंश हुआ तो छोड़ तपस्या आए।
जनकपुरी में अजगव को ले अपने अश्रु बहाए।।
देख के खंडित अजगव को सब भूपों को ललकारा।
फिर लखन लाल से बहस करी प्रभु राम के चरण पखारा।।
श्री परशुराम भगवान की महिमा का कोई पारावार नहीं।
उनके जैसा वीर धरा पर अब तक कोई भी हुआ नहीं।।
ऐसे अविनाशी परशुराम को पथिक करे शत् बार नमन।
उनके जन्मोत्सव के अवसर पर कोटि-कोटि शत् शत् वन्दन।।
विद्या शंकर अवस्थी पथिक कानपुर
ऋषभ दिव्येन्द्र
24-Apr-2023 10:38 PM
सुन्दर लिखा
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